भड़ास4मीडिया ने कहा... सलाम ज़िन्दगी
.......'भड़ास4मीडिया का सलाम ज़िन्दगी को आभार' ......हमने ये एक बार नहीं बार-बार पढ़ा और जब भी देखते हैं खुशी कई गुना बढ़ जाती है। बड़े-बड़े लोगों के बीच खुद को पाकर जो महसूस हुआ उसे शब्दों में कहना मुमकि नहीं होगा...इतने कम दिनों में हमें इतना प्रोत्साहित करने के लिए सलाम ज़िन्दगी की पूरी टीम की तरफ से भड़ास4मीडिया को बहुत-बहुत धन्यवाद। इन सभी लेखों को लिखने का मकसद किसी को नीचा दिखाना या फिर मीडिया जगत में कोई क्रांति लाना नहीं था, हम तो बस ये चाहते हैं कि कुछ ऐसे क्षण जिनकी वजह से हमारी ज़िन्दगी में यू टर्न आया वो आप सबके सामने रख सकें। जो भी हुआ उसे शायद हम कभी नहीं भूल सकेंगे मगर हमारे इस प्रयास से इसके ज़िम्मेदार लोगों में से एक का सर भी शर्म से झुक गया तो बस हम समझेंगे कि हमारा काम पूरा हुआ....हम धीरे-धीरे आगे बढ़ रहें हैं और हम ये भी जानते हैं कि.....
नज़र-नज़र में उतरना कमाल होता है
नफ़स-नफ़स में बिखरना कमाल होता है
बुलंदियों पर पहुंचना कोई कमाल नहीं
बुलंदियों पर ठहरना कमाल होता है.......
हिन्दुस्तान की नम्बर वन न्यूज़ पोर्टल के संचालक यशवंत जी का हमसे सम्पर्क करना गर्व की बात नहीं तो और क्या हैं.....सलाम ज़िन्दगी सलाम करता है भड़ास4मीडिया को जिनके माध्यम से हमें ढ़ेर सारी प्रतिक्रियाएं निरंतर मिल रहीं हैं। एक बार फिर कहना चाहेंगे कि सलाम ज़िन्दगी से आपके प्यार को किसी शब्द से परिभाषित नहीं किया जा सकता और हम आपको विश्वास दिलाते है कि हम जिस गली जा रहें हैं हम वहां से कभी नहीं भटकेंगें। अंत में भडा़स4मीडिया और उन सभी लोगों का शुक्रिया करते हैं जो हर एक पल हमारे साथ रहे हैं.....
........आप भी कहिए सलाम ज़िन्दगी।
4 Responses
  1. बेशक यह अच्छा प्रयास है। और आप लोगो को कहीं ना कहीं यह विश्वास तो जरूर हुआ होगा कि अच्छा काम करेंगे तो सराहे जरूर जाएंगे। भड़ास का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने आप लोगों का हौसला बढ़ाया। आप लोग मीडिया की नयी पीढ़ी हो..काबिले गौर बात है कि आप लोग मीडिया की तथाकथित तोपों को सोचने पर मजबूर कर रहे हो। इन तोपों को अपना तानाशाही और अलोगतांत्रिक रवैया बदलने पर मजबूर कर रहे हो। नया करो ... अच्छा करते रहो... और इन तोपों को आइना दिखाते रहो....


  2. बेशक यह अच्छा प्रयास है। और आप लोगो को कहीं ना कहीं यह विश्वास तो जरूर हुआ होगा कि अच्छा काम करेंगे तो सराहे जरूर जाएंगे। भड़ास का शुक्रिया अदा करता हूं कि उन्होंने आप लोगों का हौसला बढ़ाया। आप लोग मीडिया की नयी पीढ़ी हो..काबिले गौर बात है कि आप लोग मीडिया की तथाकथित तोपों को सोचने पर मजबूर कर रहे हो। इन तोपों को अपना तानाशाही और अलोकतांत्रिक रवैया बदलने पर मजबूर कर रहे हो। नया करो ... अच्छा करते रहो... और इन तोपों को आइना दिखाते रहो....


  3. ajeet Says:

    salam jindagi ka har sabd har sentence & her vichar 101% sach par aadharit hai aisa mera manna hai is samuday me likhne walo ne media k such ko kafi karib se dekha aur anubhav bhi kiya hai hum bhi vigat 10 salo se is field me chhapple ghis rahe hai natija aaj tak jaha se nikle the ghoom phir kar vahi pahuch gaye hai.khair jab jago tab savera jindagi ko salam karnewala yeh blogs khalis patrkaro aur khaskar tv chhannelwalo ki sehat k liye aur bhi accha hai janab
    na dikhne aur bikne wale ek tv reporter ki or se jindagi ko salam,
    salam jindagi


  4. गौरव कुमार प्रजापति Says:

    आज जब भड़ास4मीडिया पढ़ी, तो सलाम जिंदगी के दो लेख भी देखे... अपने बीच के लोगों की इस शानदार पहल के बारे में जानकर अच्छा लगा। सलाम जिंदगी में टीम के कई लोगों के अनुभव पढ़े, जो वास्तव में सराहनीय है। सलाम जिंदगी की इस शुरुआती कामयाबी के लिए पूरी टीम को तमाम शुभकामनाएं।


  • EXCLUSIVE .....:

    salaazmzindagii

    अशोक जी को कोटि कोटि नमन -- सलाम ज़िन्दगी टीम miss u ashok sir

    ASHISH JAIN


    सुधी सिद्धार्थ ..........

    ज़िन्दगी का हिस्सा बनें और कहें सलाम ज़िन्दगी

    सलाम ज़िन्दगी को जाने ..

    मेरी फ़ोटो
    वर्तमान में एक न्यूज़ चैनल में कार्य कर रहा हूँ,पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता से की .जहा प्रभाष जोशी, ओम थानवी और वीरेंद्र यादव के साथ काम करने का मौका मिला ,उसके बाद पत्रकारिता की तमाम गन्दगी को अपनी आँखों से देखते हुए आज तक में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला वहा नकवी जी,राणा यसवंत ,अखिल भल्ला ,मोहित जी के साथ काम किया तक़रीबन ६ महीने वहा काम करने के बाद आँखों देखी से होते हुए एक बड़े न्यूज़ चैनल में एक छोटा सा कार्य कर रहा हूँ या दूसरे शब्दौं में कहूँ तो मन की कोमलताओं को हर रोज़ तिल तिल कर मार रहा हूँ ,लिखने का शौक है ,कुछ अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे है ,लेकिन हकीकत यही है की आँखौं से बहते हुए आसूँ इतनी तकलीफ नहीं देते जितनी पलकों पर रुके हुए मोती करते है ,शायद इसीलिए मैं आज जहा हूँ ,वहा से सिर्फ अँधेरा दिखता है ......ASHIISH JAIN