आप भी शर्म से सर झुकाएं क्योंकि .............


कुछ तू ही इस ज़िन्दगी की कहानी को समझ ले
ये लटकी हुई लाश तो ठेकेदारों के लिए है....
कहां है वो औरत की हिफाजत के ठेकेदार जो हमेशा समाज में नारी के ऊंचे स्थान का दम भरते हैं जो कहते हैं नारी देवी है उसकी पूजा होनी चाहिए, नारी को सबने मिलकर किस स्थान पर पहुंचाया है इस तस्वीर में साफ दिख रहा है। कहां हैं वो लोकतंत्र के ठेकेदार जो हर बार औरत के अधिकारों के नाम पर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं......हम क्या समझें, कैसे करें औरत का सम्मान जैसा किताबों में दिखता है या जैसा इस तस्वीर में नज़र आ रहा है......हमें चाहिए जवाब अपनी राय दें.....

2...जो एक फूलों का हार है यही औरत
जिद पर आए तो तलवार है यही औरत
जो पुतली बनकर ज़माने को मोड़ सकती
उठे तो मर्द का पंजा मरोड़ सकती है.........मगर औरत हार जाती है तो बस अपने दिल से...यहां अपने पति के गले में फूलों का हार पहनाती ये नई नवेली दुल्हन जिसने पता नहीं कितने ही सपनो को संजोया होगा...जिसके दिल में एक नई उम्मीद थी नए प्यार और नए परिवार की मगर दोनों हाथों से मुहब्बत को लुटाने वाली औरत को मिलती है तो मौत आखिर क्यों...?
आप इसपर अपनी राय दे...

आशीष और सुधी की पेशकश
6 Responses
  1. बहुत सही कहा आपने...
    ब्लॉग के माध्यम से इसी तरह गंभीर मुद्दे उठाते रहिए। आत्म अभिव्यक्तिकरण व जन जागरण के लिए इससे बेहतर माध्यम कोई नहीं
    बस शीर्षक पर ध्यान दें...


  2. nice story.

    jag jaiye loktantra ke thakedaro.

    apkikhabar.blogspot.com


  3. बेनामी Says:
    इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

  4. बेनामी Says:

    is lekh dwara aapne saamaj me naari utthan ki baat karne wale thekedaaro par accha tamacha mara hai...magar afsos is desh me saikdo dulhane roj bali chadahayi jaati hain


  5. aaj jamana nari ka hai vah kisi se kam n samajhe


  6. आपने मुद्दा तो सही उठाया है लेकिन क्या करें जब समाज की सोच को महात्मा गांधी नहीं बदल पाये...लेकिन ऐसे ही मुद्दे उठाते रहे एक ने एक दिन हमें तुम्हे हम सबको इस बुराईयों से निजात मिलेगी,


  • EXCLUSIVE .....:

    salaazmzindagii

    अशोक जी को कोटि कोटि नमन -- सलाम ज़िन्दगी टीम miss u ashok sir

    ASHISH JAIN


    सुधी सिद्धार्थ ..........

    ज़िन्दगी का हिस्सा बनें और कहें सलाम ज़िन्दगी

    सलाम ज़िन्दगी को जाने ..

    मेरी फ़ोटो
    वर्तमान में एक न्यूज़ चैनल में कार्य कर रहा हूँ,पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता से की .जहा प्रभाष जोशी, ओम थानवी और वीरेंद्र यादव के साथ काम करने का मौका मिला ,उसके बाद पत्रकारिता की तमाम गन्दगी को अपनी आँखों से देखते हुए आज तक में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला वहा नकवी जी,राणा यसवंत ,अखिल भल्ला ,मोहित जी के साथ काम किया तक़रीबन ६ महीने वहा काम करने के बाद आँखों देखी से होते हुए एक बड़े न्यूज़ चैनल में एक छोटा सा कार्य कर रहा हूँ या दूसरे शब्दौं में कहूँ तो मन की कोमलताओं को हर रोज़ तिल तिल कर मार रहा हूँ ,लिखने का शौक है ,कुछ अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे है ,लेकिन हकीकत यही है की आँखौं से बहते हुए आसूँ इतनी तकलीफ नहीं देते जितनी पलकों पर रुके हुए मोती करते है ,शायद इसीलिए मैं आज जहा हूँ ,वहा से सिर्फ अँधेरा दिखता है ......ASHIISH JAIN