सचिननामा -२० साल एक भगवान्
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वो शानदार खिलाडी है ,जिसे मालूम है की खेल एक धर्म होता है, 20 सालों से वो इस खेल में अपनी बाजीगरी दिखा रहा है,उसकी इस बाजीगरी पर क्रिकेट विश्व जगत
उसे मास्टर कहता है
,एक ऐसा मास्टर जो सपनो में आता है,जो बताता है की आपकी उम्र कोई मायने नहीं रखती, सचिन तेंदुलकर हिंदुस्तान में 20 सालो से क्रिकेट में अपनी शोहरत बिखेरता वो बल्लेबाज़ है,जिसके लिए शायद रिकॉर्ड नहीं बने ,वो जानता है की किस तरह से आगे बढना है ,वो आउट होने पर गेंदबाज़ पर चिल्लाता नहीं ,वो जानता है की खेल में अपनी भावनायें होती है ,जो हमेशा आपके साथ होती है यह भावनाएं एक विश्वास दिलाती है , ,अदना सा दिखने वाला यह बल्लेबाज़ आक्रामक है जो चीते से भी तेज़ है वही दूसरी और वो बताता है की धैर्य और स्थिरता
एक बड़ी चीज़ होती है,सचिन तेंदु
लकर जानते है की कला सबसे बड़ी होती है,20 सालो के शानदार सफ़र में यह बल्लेबाज़ कई रिकॉर्ड तोड़ता है ,और नए आया म पेश करता है वो उदाहरण जो कई
परिभाषओं को गढ़ेंगे......
24 अप्रैल 1973 मु म्बई में जन्में सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर की शुरुआत पाकिस्तान के खिलाफ की ,सचिन ने अपनी ज़िन्दगी में कई दौर देखे ,जिन मे वो वो दौर भी था जिस मे वो अपना पहला शतक 85 एक दिवसीय के बाद बनाते दिखे........................................................................................................
,दरसल कई कीर्ति मान अपने नाम कर चुके इस बल्लेबाज़ को लोग अब रिकॉर्ड का बादशाह भी कहने लगे है ,एक दिवसीय
में 17 हज़ार का आकडां पार करने वाला यह बल्लेबाज़ एक शै शै की बीच ढलता रहा और ना जाने कब का क्रिकेट बादशाह बन गया ...सचिन को अपने खाते में 20
हज़ार रन के लिए अब कुछ ही रनों की जरुरत है....
सचिन के कीर्तिमानों का जखीरा यहीं ख़त्म म नहीं होता ...सचिन राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित एक मात्र क्रिकेट खिलाड़ी हैं जिन्हें २०० म मे पद् म विभूषण भी मिला ,सचिन इस खेल में लगातार आगे बढ़ते रहे और अपने 20 साल के करियर में नये मुका म हासिल करते चले गये ..वो न सिर्फ हिन्दुस्तान में बल्कि पूरे विश्व में अपनी चमक बिखेरते दिखें .....सचिन एक अदभुत बल्लेबाज़ है जो अपनी शाँतं स्वभाव के लिये मशहूर और.....क्रिकेट के मैदान में खौल पड़ने वाले बल्लेबाज़ है, ऐसा नहीं की बीते वक्त में सचिन नहीं बदले हो .....36 साल से अधिक और उम्र का यह बल्लेबाज़ बताता है की उ
सने अपनी शैली में बदलाव किया है ,वो आगे बढ़ना चाहते है ,वो चाहते है की उनकी ब्लू इंडिया एक बार वर्ल्ड कप हिन्दुस्तान की धरती पर लाये ,शायद इसीलिए वो अपने इस सपने को पूरा करने के लिए मैदान पर कौंध पड़ता है ......
दो दशकों से ज्यादा क्रिकेट खेल चुका यह खिलाडी उस वक्त को याद कर डर जाता है ...जब उसके सामने क्रिकेट का मैदान नहीं होगा....जब उसकी टी म इंडिया में वो नहीं होगा ...जब उसका क्या होगा.....इसीलिए वो क्रिकेट को अलविदा कहने पर शांत हो जाता है ....और अगले ही पल एक नए उत्साह से टूट पड़ता है ..सचिन के कई रिकॉर्ड ऐसे रहे जिन्होंने विश्व के कई मशहूर क्रिकेट खिलाडियों के रिकॉर्ड को ज मी पर ला पटका .....इस बल्लेबाज़ का रिकॉर्ड बताता है की उसे no1 टी म ले खिलाफ रन बनाना अच्छा लगता है ... जो उन्हें भीड़ से अलग खडा करती है



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अपनी शुभकामनाये और अपनी राय दें ..आशीष जैन

10 Responses
  1. rahul verma Says:

    mast likh hai bhaai


  2. hindustaani Says:

    jai hind sachin...jai ho



  3. abhishaar Says:

    bahut dino baad kuch accha paha hai ........kaha kaam karte ho aap??


  4. बेनामी Says:

    outstanding article....



  5. renu... Says:

    "सचिननामा -एक भगवान्...


  6. inderpreet Says:

    solid salaamzindagi


  7. यूँ ही भटकते हुए इधर आ गयी ...बादशाह पर सुंदर आलेख देख रुक गई .....नमन इस महान हस्ती को ....!!


  8. Arun Kumar Says:

    ji ashish aapne bakhoobi keh diya ki sachin kohinoor hain. bhartiye cricket mai or bhi pratibhayen hai jineh BCCI buda sa maan chuki hai. par isme koi shak nahi ki unme abhi lajwaab cricket baki hai

    lekin rahul dravid ka bhi apna hi dherya hai jo kamal ka hai or us shaant swabhav k khiladi ko or bhi kamaal banati hai.........


  • EXCLUSIVE .....:

    salaazmzindagii

    अशोक जी को कोटि कोटि नमन -- सलाम ज़िन्दगी टीम miss u ashok sir

    ASHISH JAIN


    सुधी सिद्धार्थ ..........

    ज़िन्दगी का हिस्सा बनें और कहें सलाम ज़िन्दगी

    सलाम ज़िन्दगी को जाने ..

    मेरी फ़ोटो
    वर्तमान में एक न्यूज़ चैनल में कार्य कर रहा हूँ,पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता से की .जहा प्रभाष जोशी, ओम थानवी और वीरेंद्र यादव के साथ काम करने का मौका मिला ,उसके बाद पत्रकारिता की तमाम गन्दगी को अपनी आँखों से देखते हुए आज तक में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला वहा नकवी जी,राणा यसवंत ,अखिल भल्ला ,मोहित जी के साथ काम किया तक़रीबन ६ महीने वहा काम करने के बाद आँखों देखी से होते हुए एक बड़े न्यूज़ चैनल में एक छोटा सा कार्य कर रहा हूँ या दूसरे शब्दौं में कहूँ तो मन की कोमलताओं को हर रोज़ तिल तिल कर मार रहा हूँ ,लिखने का शौक है ,कुछ अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे है ,लेकिन हकीकत यही है की आँखौं से बहते हुए आसूँ इतनी तकलीफ नहीं देते जितनी पलकों पर रुके हुए मोती करते है ,शायद इसीलिए मैं आज जहा हूँ ,वहा से सिर्फ अँधेरा दिखता है ......ASHIISH JAIN