अशोकनामा - एक संघर्ष ....
सपनो का अपना महत्व होता है ...आगे जो लेख लिख रहा हूँ ...वो पूरी तरीके से काल्पनिक है ....मेरा कोई भी मकसद नहीं की मैं आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाऊ ,इसे दिल से लगाकर पढियेगा ...अगर आप स्वर्गीय अशोक उपाध्याय से जुड़े हुए थे ...तो आपकी आँखें भी नम होंगी ..


अशोकनामा -एक संघर्ष
{ काल्पनिक लेख }


देगा किसी मक़ाम पे ख़ुद राहज़न का साथ

ऐसे भी बदगुमान न थे राहबर से हम
माना कि इस ज़मीं को न गुलज़ार कर सके
कुछ ख़ार कम तो कर गये गुज़रे जिधर से हम.
नमस्कार मैं हूँ अशोक उपाध्याय,यानी एक शांत आवाज़....... मैं आपके सामने एक बार फिर हाज़िर हूँ....इस बार कोई खबरें नहीं ....,मेरे मातम में आप सभी का स्वागत है ....यह मातम आपके और मेरे ख़्वाबों का नहीं ,......यह मातम है उन लोगो के ,उस विश्वास का जो मेरे साथ कही चला आया ....यह मातम ज़ज्बात का है ,यह मातम सपनो का है ...मातम उन दिलासाओ का है जो मैं हर वक्त हर किसी को देता रहा है .....मातम है मेरा ...और आपकी रुसवाई है ...बस और कुछ नहीं ...क्या सोच रहे हो की मैं कहा हूँ,....सच कहूँ तो मैं भी नहीं जानता की मैं कहा पर हूँ ...यह सब कैसे हुआ .नहीं मालूम..आंखों में धुंधलाहट है ,लेकिन कुछ दिख तो रहा है..... बस इतना मालूम है की मैं आप सबको देख पा रहा हूँ .....मेरी टीम ,
मेरे दोस्तों और प्यारे परिवार .....अपना ख्याल रखना ......मैं तुम्हारे साथ हूँ ,आपके ज़ेहन में हूँ ,आपके जज्बात में हूँ मेरे साथ काम करने वाले उस हर व्यक्ति के साथ हूँ जो मेरे साथ किसी न किसी रूप में हर वक्त मौजूद रहा ,अपने परिवार के दिल में हूँ ,मैं अशोक उपाध्याय हूँ,......उस वक्त जो भी हुआ था नहीं मालूम,बस इतना जानता हूँ की अपने बेटे का वो हाथ .....जो मेरे गाल को खीच रहा था,मैं तो बस इतना जानता हूँ की मेरी पत्नी के ....उस सपनो को जो आंसू बन कर उस वक्त मेरे सीने पर गिर रहे थे,मुझे तो बस इतना मालूम है की मेरे अपनों में हर कोई था,हर कोई चीख रहा था....मुझे मेरी बातों से पहचान रहा था ....मेरे voi का ख्याल रखना दोस्तों,...सच यहीं है की मैं अब आपके अंतर्मन में हूँ ,जहाँ मैं हर वक्त रहना चाहूँगा ,पर मुझे याद है वो रात जो मेरे साथ खत्म हो गई,और सुबह की चमकदार रोशनिया भी मेरे से जुड़े हर व्यक्ति की ज़िन्दगी को रोशन नहीं कर पाई ,मैं देख रह था,वो लोग सुबकते रहे... सच कहूँ तो मैने कोशिश की मैं उठ जाऊं ,पर मैं असहाय बन चुका था , मै क्या करता?....एक एक कर मेरी क्षमतायें ख़त्म हो रही थी,मोहित तुम ही थे न ..जो मेरे घर से बच्चो को लेकर मेरे पास लाये थे ...शुक्रिया मेरे दोस्त,......अबयज़ मुझे माफ़ करना मैं अंत में तुमसे बात नहीं कर पाया,निशांत तुम वाकई एक अच्छे इंसान हो ,किशोर जी से कहना मैंने आपको देखा ..आपकी रुलाइयां ,voi और मेरे से जुड़े हुए लोगो की वो रुलाइया जो बार baar फूट रही है ,उन्हें शान्त कीजिये ,हमें अभी काफी आगे जाना है ,अपने इस महल को शीश महल बनाना है .....यह सच है की मैं तो बेबस हूँ ,लेकिन यह भी सच है की जो जिंदा है वो भी कमाल करते है ...क्यों आप तो जानते है न !!!!!
मेरी डेस्क पर मोजूद रात में मौजूद उस छोटे से परिवार से कहना .....इस बार अपना अपना बुलेटिन अधूरा रह गया दोस्तों,कोई गलती हुई हो तो मुझे माफ़ कर देना,मेरे न होने पर मेरे आशियाँ और मेरे परिवार से जुड़े रहना, कौन रोता है किसी और की ख़ातिर ऐ दोस्त,सबको अपनी ही किसी बात पर रोना आया,मैंने भी रोते हुए हर किसी को देखा,मेरी खबरों में वो लोग रोये ......सच यही है ज़िन्दगी से हर कदम पर लड़ता हुआ मैं कभी घबराया नहीं ,शै शै कर ढलती पत्रकारिता के किसी नक्श में मैं भी ढलता हुआ पाता रहा ,मैं देख रहा था ,सब रो रहे थे ,मेरे अपने ,सबके अपने ...हर कोई रोया ,
मेरे मातम का कोई नाम नहीं,लेकिन सच यहीं है की अपने आशियाँ से ही.... मैं जा रहा हूँ ,आप देखते रहना ,उसका ख्याल रखना ,जागते रहना ,तुम्हारी ये रुलाइयां मुझसे देखी नहीं जायेंगी ,मैं नहीं जानता की मेरे बाद क्या समां होगा ..मैं जा रहा हूँ अपनी साँसे अपने साथ लेकर ....आपके साथ बिताये हर उस पल के साथ ...लेकिन मुझे याद रखना अपने ज़हन में .... अंत में मैं इस सपने से बाहर निकल आया ,लेकिन जब जागकर देखा तो वास्तव में जीने वाले कमाल करते है ...सर आज भी मैं वही बैठा हुआ हूँ जहाँ आपने मुझे आकर कहा था ...आशीष बेटा यह HEADLINES काट दो ..पर सर आप ही न आये ....आपको कोटि कोटि नमन ......


मुझे मालूम था, तुम मर नही सकते
तुम्हारी मौत की सच्ची खबर जिसने उड़ाई थी,
वो झूठा था,वो तुम कब थे?कोई सूखा हुआ पत्ता, हवा मे गिर के टूटा था ।
मेरी आँखे तुम्हारी मंज़रो मे कैद है अब तक मैं जो भी देखता हूँ, सोचता हूँ वो, वही है जो तुम्हारी नेक-नामी और बद-नामी की दुनिया थी ।
कहीं कुछ भी नहीं बदला,तुम्हारे हाथ मेरी उंगलियों में सांस लेते हैं,
मैं लिखने के लिये जब भी कागज कलम उठाता हूं,तुम्हे बैठा हुआ मैं अपनी कुर्सी में पाता हूं ......



miss u ashok sir


ASHISH JAIN
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30 Responses
  1. अशोकजी के होने का एहसास उनके शब्दों के जरिए बना रहे। सादर नमन।..



  2. shandaar lekh ,,,ashok ki aap fir yaad aa gaye


  3. amit Says:

    खबरों की आपाधापी में अपना भी कोई खबर बन गया,


  4. Aap aur Hum Says:

    bhai hamesha ki tarah bahut badiya....ashok ji ko main janti bhi nhi hun par tere lekh se sab pta chal gaya ki vo kaise insaan thay..bhagwan unki aatma ko shanti de.


  5. बेहद मार्मिक लेख है। अशोक जी के बारे मे पढ कर लगा कि ऐसे ही लोगों के बारे मे कहा जाता है कि चंद अच्छे लोगों पर दुनिया टिकी है।


  6. बेहतरीन विदाई... नम हो गईं आंखे.


  7. बेनामी Says:

    Ashok NAMA Ek Sangharsh!Such Asish life Ek sangarsh he hi..... Ece Sangarsh k beech he kuch Khuceya hi Kuch Gam.... gamo k beech he mel jate hi kuch logo ka dard vo hi hamare Apne ASHOK JI...Miss u Ashok ji With VOI Teem...
    Good luck My Friend Asish ...u he lekhte raho sab ko jagate raho


  8. बेनामी Says:

    Ashok NAMA Ek Sangharsh!Such Asish life Ek sangarsh he hi..... Ece Sangarsh k beech he kuch Khuceya hi Kuch Gam.... gamo k beech he mel jate hi kuch logo ka dard vo hi hamare Apne ASHOK JI...Miss u Ashok ji With VOI Teem...
    Good luck My Friend Asish ...u he lekhte raho sab ko jagate raho

    Mohit Mishra


  9. uss din itna rona nai aaya jitna ab aa raha hai... we vl always miss u Ashok Sir... Aur Ashish ur best post till date :)


  10. WOMENINMEDIA Says:

    ashish bahot acha likha dost....aankhen baar baar bhar aati hai....ye padhkar aansoo thamne mein kuch madad mili.....ashok sir se akhiri baar na mil pane ka gum hamesha rahega


  11. mukundnews@gmail.com Says:

    shabd shradhanjli isse behatar nahi ho sakti.

    mukund, chandigarh

    9646046021



  12. abhitaabh Says:

    tumhara aur abyz ka lekha bada hi gjb tha


  13. वी ओ आई के प्रत्येक कर्मचारी के मन में जो आदर और सम्मान अशोक जी के लिए है वो हमेशा ही रहेगा, और तुमने जो श्रद्धांजली उन्हें दी है मै उसे शब्दों में तोलना नहीं चाहता |


  14. pritam Says:

    sabaash beta ...main unhein janta tha .....


  15. vivek Says:

    bus baar baar unhi ke baare me soch rah hun


  16. kishor ji Says:

    teri har raat pe hona aaya


  17. swati Says:

    voi me yh kya ho raha hai sir ...yh to vaastav me sharmanak hai


  18. Dev Says:

    aisi log hamesha amar rhete hai .......aur khaas ker patrkaar biraadri ke liye to icon hai ........aur aapne jis marmikta se lakh ko prastut kiya hai uska koi jawab nahi


  19. शैलेंद्र सिंह राजपूत Says:

    मैं दुनिया के उन भाग्यशाली लोगों में से एक हूं जिसे अशोक सर के साथ काम करने का मौका मिला उन्हें देख कर हर समय एक ही ख्याल आता था की..इंसान इतने अच्छे भी हो सकते हैं ..ईटीवी के नेशनल हिंदी डेस्क पर अशोकजी के साथ बिताए दिन जिंदगी भर याद रहेंगे


  20. shruti Says:

    dukh hua jankar --shruti shrivasatv


  21. अशोक जी जैसे लोग वाकई बार-बार नहीं मिलते...।


  22. बेनामी Says:

    i miss u ashok sir-----amit thakur


  23. satyendra Says:

    Etv की तरह VOI में भी अशोक सर की जगह किसी और को नियुक्त कर लिया जाएगा। लेकिन हर दिल में अशोक सर बसे रहेंगे, एक आदर्श सीनियर की तरह, मीडिया की रणभूमि के एक सच्चे सिपाही की तरह। अशोक सर सच में आपको हम कभी नहीं भूल पाएंगे।



  24. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

  25. सिलसिला ज़ख्म ज़ख्म जारी है
    ये ज़मी दूर तक हमारी है

    मैं बहुत कम किसी से मिलता हूँ
    जिससे यारी है उससे यारी है

    हम जिसे जी रहे हैं वो लम्हा
    हर गुज़िश्ता सदी पे भारी है

    मैं तो अब उससे दूर हूँ शायद
    जिस इमारत पे संगबारी है

    नाव काग़ज़ की छोड़ दी मैंने
    अब समन्दर की ज़िम्मेदारी है

    फ़लसफ़ा है हयात का मुश्किल
    वैसे मज़मून इख्तियारी है

    रेत के घर तो बेह गए
    बारिशों का खुलूस जारी है
    miss u sir...!


  26. anjule shyam Says:

    kubsurat hai ye post............aapne unki yadon ko ak behtar tarike se shukriya kiya hai.............
    anjule shyam maurya


  27. babul kumar Says:

    yar aashish waise to mai inko persionally nai janta na hi publicaaly
    leki tumhare lekh ne mere mind me inki jo chvi banai hi
    uske liye mai inhe salute karna chahunga
    media me aise logo ka rahna bahut jarrori hi
    dost
    inke family ko finnancial support k liye tumne jo muhm chalai hi
    wo wakai kabile tarrif
    hi
    lage rahodost


  • EXCLUSIVE .....:

    salaazmzindagii

    अशोक जी को कोटि कोटि नमन -- सलाम ज़िन्दगी टीम miss u ashok sir

    ASHISH JAIN


    सुधी सिद्धार्थ ..........

    ज़िन्दगी का हिस्सा बनें और कहें सलाम ज़िन्दगी

    जिदगी यहाँ भी .......

    सलाम ज़िन्दगी को जाने ..

    मेरी फ़ोटो
    वर्तमान में एक न्यूज़ चैनल में कार्य कर रहा हूँ,पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता से की .जहा प्रभाष जोशी, ओम थानवी और वीरेंद्र यादव के साथ काम करने का मौका मिला ,उसके बाद पत्रकारिता की तमाम गन्दगी को अपनी आँखों से देखते हुए आज तक में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला वहा नकवी जी,राणा यसवंत ,अखिल भल्ला ,मोहित जी के साथ काम किया तक़रीबन ६ महीने वहा काम करने के बाद आँखों देखी से होते हुए एक बड़े न्यूज़ चैनल में एक छोटा सा कार्य कर रहा हूँ या दूसरे शब्दौं में कहूँ तो मन की कोमलताओं को हर रोज़ तिल तिल कर मार रहा हूँ ,लिखने का शौक है ,कुछ अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे है ,लेकिन हकीकत यही है की आँखौं से बहते हुए आसूँ इतनी तकलीफ नहीं देते जितनी पलकों पर रुके हुए मोती करते है ,शायद इसीलिए मैं आज जहा हूँ ,वहा से सिर्फ अँधेरा दिखता है ......ASHIISH JAIN