THE REAL TRUTH OF LIFE -NISHANT SPEAK
THIS IS NOT A END......IT CAN NEVER BEEN A END ...LIFE IS A JOURNEY AND THE MOMNENT IS LIVED TOGETHER ….LOVE ,JOY ,HAPPINESS,SORROW,PAIN &THE BATTLE FOR TOGETHER ARE THE AMBITION OF HUMAN IT CANNOT BE ACHIEVED ALONE…….
WE LIVE ON WORLD EXIST AROUND US AND IN OUR THOUGHTS ,DREAMS AND IN OUR GOALS….

WE CAN NOT CRY BUT WE SHALL
QUIETLY ,SMILES ON THE WAY YOU LEFT YOUR MORALS WHICH REMAIN AS LIVE FOREVER AND THAT SHOWS THE SPIRIT OF SOUL THE MOTTO OF YOUR LIFE SHOULD BE………………
LIFE AS THERE NO TOMORROW……..
MISS U ASHOK SIR …….


NISHANT CHATURVEDI


8 Responses
  1. क्योंकि यह कटु सत्य है


  2. sweta Says:

    दुःख हुआ सर ......


  3. vivek Says:

    प्रकृति का एक नियम ...निशांत


  4. वो तो बेबस है ..लेकिन जीने वाले भी कमाल करते है


  5. हर किसी को अपनी ही किसी बात पर रोना आया ...यह सच है ....शुक्रिया आपकी हर बात का ...आशीष


  6. बेनामी Says:

    -YE SUCH HAI NISHANT BHAI-AMIT RAWAT {ETV}


  7. tarun sharma {voi} Says:

    tatz spirit sir


  8. rajiv prtaap Says:

    निशांत भाई क्या बात है ,आज कल दार्शिनक बन गए हो ,इण्डिया टी वी में काफी जलवे देखा रहे हो ,शानदार भाई ....लगे रहो .......राजीव प्रताप {ग्वालियर }


  • EXCLUSIVE .....:

    salaazmzindagii

    अशोक जी को कोटि कोटि नमन -- सलाम ज़िन्दगी टीम miss u ashok sir

    ASHISH JAIN


    सुधी सिद्धार्थ ..........

    ज़िन्दगी का हिस्सा बनें और कहें सलाम ज़िन्दगी

    जिदगी यहाँ भी .......

    सलाम ज़िन्दगी को जाने ..

    मेरी फ़ोटो
    वर्तमान में एक न्यूज़ चैनल में कार्य कर रहा हूँ,पत्रकारिता की शुरुआत जनसत्ता से की .जहा प्रभाष जोशी, ओम थानवी और वीरेंद्र यादव के साथ काम करने का मौका मिला ,उसके बाद पत्रकारिता की तमाम गन्दगी को अपनी आँखों से देखते हुए आज तक में ट्रेनिंग करने का अवसर मिला वहा नकवी जी,राणा यसवंत ,अखिल भल्ला ,मोहित जी के साथ काम किया तक़रीबन ६ महीने वहा काम करने के बाद आँखों देखी से होते हुए एक बड़े न्यूज़ चैनल में एक छोटा सा कार्य कर रहा हूँ या दूसरे शब्दौं में कहूँ तो मन की कोमलताओं को हर रोज़ तिल तिल कर मार रहा हूँ ,लिखने का शौक है ,कुछ अखबारों में सम्पादकीय भी लिखे है ,लेकिन हकीकत यही है की आँखौं से बहते हुए आसूँ इतनी तकलीफ नहीं देते जितनी पलकों पर रुके हुए मोती करते है ,शायद इसीलिए मैं आज जहा हूँ ,वहा से सिर्फ अँधेरा दिखता है ......ASHIISH JAIN